नई दिल्ली : संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा में भारी चूक है। गृह मंत्री पहले ही यह स्वीकार कर चुके हैं और ये बहुत गंभीर मामला है। उन्हें मामले की जांच करने दीजिए। विपक्ष पहले ही इस मुद्दे को उठा चुका है और इसीलिए टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन को निलंबित कर दिया गया है। अन्य कांग्रेस और डीएमके सांसदों को भी निलंबित कर दिया गया है।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सांसद और दिग्गज नेता शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी मामले में प्रतिक्रिया दी। राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। हालांकि, मुझे बहुत गर्व के साथ कहना होगा कि सभी सांसद एक-दूसरे को बचाने के लिए एकजुट थे। लोकसभा कर्मचारियों ने भी सभी को सुरक्षित रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। मेरे मन में केवल आभार है। आज मैं यहां खड़ी हूं तो संसद में मेरे सभी सहयोगियों की वजह से। ठाणे की घटना पर उन्होंने कहा कि जो हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए।
क्या है मामला?
दरअसल, संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन यानी 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना सामने आई थी। दोपहर करीब एक बजे जब लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के अंदर कूद गए और सांसदों की बैठने की जगह पर दौड़ते नजर आए। इस दौरान उन्होंने अपने जूते में छिपाकर लाए ‘केन’ के जरिए पीले रंग का धुआं भी स्प्रे किया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया। अगले दिन यानी 14 दिसंबर को मामले की मुख्य साजिशकर्ता ललित झा ने भी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।