नई दिल्ली : हड्डियों की कमजोरी अब सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या नहीं रही है, कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। आहार में पोषक तत्वों की कमी और गड़बड़ लाइफस्टाइल के कारण अब समय से पहले हड्डियां कमजोर और खनिज घनत्व में कमी देखी जा रही है। ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी है तेजी से बढ़ती हड्डियों की बीमारी है जिसकी शुरुआत 25 की आयु में हो सकती है।
हड्डियों के खनिज घनत्व और द्रव्यमान की कमी के कारण ये इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जरा सी चोट या गिरने से भी फ्रैक्चर का खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं ऑस्टियोपोरोसिस की गंभीर स्थिति में छींकने-खांसने से भी हड्डियों के टूटने का जोखिम हो सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। इसके शिकार लोगों में कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी टूटने का खतरा सबसे अधिक देखा जाता रहा है। पुरुष-महिला दोनों में इसका खतरा देखा जाता रहा है। हड्डियों से संबंधित इस समस्या से बचे रहने के लिए कम उम्र से ही निरंतर प्रयास करते रहना जरूरी है।
आइए जानते हैं किन लोगों में इसका खतरा अधिक होता है और इससे बचाव के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?
क्यों होती है ये समस्या?
सामान्यतौर पर हमारी हड्डियां लगातार नवीनीकरण की अवस्था में होती हैं। यानी कि हड्डियों के पुराने ऊतक नष्ट होते रहते हैं और नए ऊतकों का निर्माण होता रहता है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ ये प्रक्रिया बाधित होने लग जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में ऊतक तो नष्ट होते जाते हैं पर नए ऊतकों का निर्माण नहीं हो पाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के लिए कई जोखिम कारक जिम्मेदार हो सकते हैं जिनपर ध्यान देना और बचाव के लिए प्रयास करते रहना आवश्यक माना जाता है।
किन लोगों में इसका खतरा अधिक?
खान-पान में गड़बड़ी के साथ उम्र, पारिवारिक इतिहास और हार्मोनल समस्याओं के कारण ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम बढ़ जाता है।
अध्ययनों में पाया गया है कि सेक्स हार्मोन की कमी हड्डियों को कमजोर कर देती है। रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आ जाती है, इसी तरह से प्रोस्टेट कैंसर के उपचार की स्थिति में पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर प्रभावित हो जाता है। इस तरह की स्थितियां आपमें हड्डियों से संबंधित समस्याओं को बढ़ाने के साथ कई तरह की अन्य विकारों का भी कारण बन सकती हैं।
आहार में गड़बड़ी भी खतरनाक
हड्डियों की दिक्कतों के लिए कैल्शियम की कमी को प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस के विकास में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। आहार में कैल्शियम की कमी हड्डियों के घनत्व को कम करने, हड्डियों को जल्दी क्षति पहुंचाने और फ्रैक्चर के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती है।
इन रोगों के शिकार हैं तो भी बरतें सावधानी
ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कुछ प्रकार की चिकित्सा समस्या वाले लोगों में भी अधिक देखा जाता रहा है। आप भी अगर इनमें से किसी रोग के शिकार हैं तो सावधान हो जाएं।
सीलिएक डिजीज।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज।
किडनी या लिवर रोग और कैंसर।
मल्टीपल मायलोमा।
रूमेटाइड आर्थराइटिस।