नई दिल्ली : देश के अधिकतर राज्य इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में कई स्थानों पर पारा 48 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है। उच्च तापमान को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सेहत के लिए कई प्रकार से गंभीर और समस्याकारक मानते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, तेज धूप के संपर्क में आने से बचाव करते रहना सभी के लिए जरूरी है। इसके साथ ही खूब मात्रा में पानी पीते रहें। इनमें बरती गई जरा भी लापरवाही हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है।
मौसम विभाग ने बुधवार तक राजधानी दिल्ली-एनसीआर में लू को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक मार्च से अब तक देश में हीटस्ट्रोक के 16 हजार से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए। डॉक्टर बताते हैं, अस्पतालों के आपातकालीन विभाग में पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या हीट स्ट्रोक के कारण मौत भी हो सकती है?
आइए इस बारे में जानते हैं।
हीट स्ट्रोक और इसके कारण होने वाली समस्याएं
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक होने की स्थिति गंभीर समस्याकारक हो सकती है। अगर तापमान में कमी नहीं आती है या फिर व्यक्ति को समय रहते आपातकालीन उपचार नहीं मिल पाता है तो हीट स्ट्रोक स्थाई विकलांगता या मृत्यु का कारण भी बन सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में राजस्थान के कई शहरों से हीट स्ट्रोक के कारण मरने वाले लोगों की खबरें सामने आ रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को बढ़ती भीषण गर्मी से बचाव करते रहने की अपील की है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
अमर उजाला से बातचीत में दिल्ली स्थित एक अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ भास्कर शुक्ला बताते हैं, हाल के दिनों में एक 90 वर्षीय पुरुष और 78 वर्षीय महिला को हीट स्ट्रोक की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनमें स्ट्रोक के लक्षण जैसे बोलने में कठिनाई और बांहों में कमजोरी आ गई थी।
डिहाइड्रेशन के कारण हीट स्ट्रोक होना और स्ट्रोक के बाद डिहाइड्रेशन की स्थिति स्वास्थ्य जटिलताओं को काफी बढ़ाने वाली हो सकती है। इस तरह के जोखिमों से बचे रहने के लिए उच्च तापमान के संपर्क में आने से बचना और निर्जलीकरण के जोखिमों को कम करने के लिए खूब पानी पीते रहना जरूरी है। गंभीर स्थितियों में इसके जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
हीट स्ट्रोक बढ़ा सकती है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
दिल्ली स्थित एक अन्य अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रखर सहाय कहते हैं, हीट स्ट्रोक की गंभीर स्थिति ब्रेन स्ट्रोक का भी कारण बन सकती है। निर्जलीकरण के कारण ब्लड ब्रेन बैरियर में बाधा आ जाती है जिसके कारण रक्त गाढ़ा होने और वाहिकाओं के भीतर थक्का बनने का जोखिम बढ़ जाता है। ब्रेन स्ट्रोक को जानलेवा स्थितियों में से एक माना जाता है। ब्रेन स्ट्रोक से बच जाने वाले लोगों में विकलांगता-लकवा का खतरा हो सकता है।
हीट स्ट्रोक से कैसे बचें?
डॉक्टर प्रखर बताते हैं, कुछ बातों का ध्यान रखकर हीट स्ट्रोक और इसके कारण होने वाली समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। सबसे जरूरी है कि आप दिनभर में खूब पानी पीते रहें। रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीते रहना जरूरी है। इसके अलावा गर्म, आर्द्र वातावरण में शारीरिक गतिविधि या तीव्र व्यायाम करने से बचें। ऐसी किसी चीज का सेवन न करें जो डिहाइड्रेशन के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं जैसे- ज्यादा कॉफी-चाय, शराब आदि। सबसे जरूरी बात शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए वातानुकूलित या ठंडी जगहों पर रहें।