उत्तरप्रदेश : उत्तर प्रदेश के कन्नौज शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है। 2014 में सपा से डिंपल यादव जीती थीं और भाजपा के सुब्रत पाठक हारे थे। 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक ने सपा की डिंपल यादव को नजदीकी मुकाबले में हराकर पिछली हार का बदला ले लिया।
इस बार फिर से भाजपा ने मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं बसपा ने कानपुर निवासी कारोबारी इमरान बिन जफर को टिकट दिया है। सपा ने इस सीट से अभी किसी के नाम का एलान नहीं किया है।
पिछले दिनों यहां हुए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अखिलेश यादव ने कहा था कि वह इस सीट को कभी नहीं छोड़ सकते। अखिलेश यादव ने अपनी सियासी पारी का आगाज भी कन्नौज से ही किया था। वो यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे हैं। सांसद रहते हुए मुख्यमंत्री बनने पर इस सीट से इस्तीफा दिया था।
जिले के मुद्दों पर नेताओं और मतदाताओं से होगी चर्चा।
कन्नौज के मतदाता और खासकर युवा सरकार और अपने लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के बारे में क्या सोचते हैं, उनके क्या मुद्दे और आकांक्षाएं हैं, मतदाताओं के मुद्दों पर नेताओं और उम्मीदवारों का क्या कहना है, वे किन मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरे हैं? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए अमर उजाला का चुनावी रथ ”सत्ता का संग्राम” 11 तारीख यानि आज को कन्नौज में रहेगा।
क्या होगा खास?
”सत्ता का संग्राम” के तहत हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। इसके जरिये आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश से जुड़े मुद्दों को उठा पाएंगे। यहां आप अपनी बात रख सकेंगे ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दें भी याद रहें।
कब और कहां होंगे कार्यक्रम
- सुबह आठ बजे
चाय पर चर्चा
स्थान: रेलवे स्टेशन, कन्नौज - दोपहर एक बजे
युवाओं से बात,
स्थान: मेडिकल कॉलेज, तिर्वा - शाम पांच बजे
राजनीतिक दलों से चर्चा
स्थान: लोहिया पार्क