पूरा मामला उत्तर प्रदेश का है. 5 महिला कांस्टेबलों में गोरखपुर में तैनात एक महिला सिपाही का भी नाम है. हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक प्रकरण में इसे संवैधानिक अधिकार बता दिया है. हालांकि, डीजी आफिस से इन महिला सिपाहियों के तैनाती वाले जिले के पुलिस कप्तानों को पत्र जारी कर काउंसिलिंग कराए जाने को कहा गया है. पांच में से एक महिला सिपाही गोरखपुर में तैनात हैं. इसके अलावा गोंडा, सीतापुर में तैनात महिला सिपाहियों ने भी आवेदन किया है. गोरखपुर की कांस्टेबन ने बताया कि डीजी आफिस में प्रार्थना पत्र दी हूं. मुझे बुलाकर पूछा भी गया है. मेरा जेंडर डिस्फोरिया है. इसका सर्टिफिकेट भी आवेदन में लगाया है.
फिलहाल, इस मामले में लखनऊ मुख्यालय से अभी कोई फैसला नहीं आया है. अगर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो जेंडर चेंज कराने के लिए हाईकोर्ट में भी गुहार लगाऊंगी. अयोध्या की रहने वाली कांस्टेबल बताती हैं कि यूपीपी में 2019 में उनकी नौकरी लगी. उनकी पहली तैनाकी गोरखपुर में ही है. लिंग परिवर्तन के लिए फरवरी 2023 से दौड़-भाग शुरू की. इसके बाद से वह गोरखपुर में एसएसपी, एडीजी फिर मुख्यालय तक जा चुकी हैं.