नई दिल्ली: कुशीनगर के रामकोला विधायक विनय प्रकाश गौड़, फाजिलनगर के विधायक सुरेंद्र कुमार कुशवाहा एवं अन्य की ओर से की गई शिकायत पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने 17 अगस्त को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया था। यह प्रकरण 18 अगस्त को डीएम गोरखपुर को भेजा गया था। मामला निस्तारित होने के बजाए प्रकरण छह सितंबर को डिफाल्टर की श्रेणी में आ गया। डिफाल्टर श्रेणी में आने के बाद भी सम्बंधित अफसरों ने इसको निस्तारित करने में रुचि नहीं दिखाई।
आईजीआरएस के प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण न करने पर दोनों अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया। कमिश्नर अनिल ढींगरा ने कहा कि आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों का तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। नोडल अफसरों ने शिकायतों के निस्तारण में रुचि नहीं दिखाई। दोनों अफसरों का वेतन रोक दिया गया है।