आगरा : उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे चौधरी उदयभान सिंह के साथ धोखाधड़ी का मामला पुलिस तक पहुंचा है। आगरा की लोहामंडी हसनपुरा में उनका पुश्तैनी मकान है। उनके फर्जी हस्ताक्षर से उस मकान पर प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से 1.40 करोड़ का लोन ले लिया गया। लोन जमा नहीं होने पर मकान पर कब्जे के आदेश हो गए। फाइनेंस कंपनी से फोन आने पर पूर्व मंत्री को धोखाधड़ी की जानकारी हुई। उनकी तहरीर पर हैदराबाद की एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के अधिकारी और कर्मचारियों को आरोपित किया गया है।
लोहामंडी थाने में मुकदमा धोखाधड़ी की धाराओं के तहत दर्ज किया है। इस संबंध में पहला प्रार्थना पत्र आठ सितंबर 2023 को दिया था। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने प्रकरण की जांच डीसीपी सिटी सूरज राय को दी थी। पूर्व मंत्री ने इस संबंध में लगतार कई प्रार्थना पत्र दिए। पुलिस आयुक्त के आदेश पर मुकदमा लिखा है। मुकदमे में आरोप है कि हसनपुरा, लोहामंडी की संपत्ति पर एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के अधिकारियों/कर्मचारियों से मिलकर 1.40 करोड़ का लोन लिया है। प्राइवेट बैंक उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है।
पूर्व मंत्री के बेटे डॉ. संजीवपाल ने बताया कि पिता के फर्जी हस्ताक्षर करके लोन लिया गया है। लोन की जानकारी उन्हें तब हुई जब फाइनेंस कंपनी के अधिकारी का फोन आया। उसने बताया कि मकान पर उन्हें कब्जा लेना है। इसके बाद उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की थी।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि जांच की गई थी। पूर्व मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर करके लोन करीबी पर लेने का शक है। मुकदमे की संस्तुति की गई थी। विवेचना के दौरान यह पता चलेगा कि शक के घेरे में आए करीबी की लोन में क्या भूमिका है। पूर्व मंत्री के बेटे डॉ. संजीव पाल का कहना है कि पुलिस जिस करीबी पर शक जता रही है उसका कहना है कि उसने कोई लोन नहीं लिया।