यूपी : मतदाता असली है या नकली अब सिर्फ दो रुपये में पता चल जाएगा। फर्जी मतदान की शिकायतों पर दो रुपये की रसीद कटवाकर चैलेंज कर सकते हैं। पीठासीन अधिकारी की जांच में मतादाता गलत पाया गया तो उसपर एफआईआर दर्ज होगी।
मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर अक्सर फर्जी मतदान की शिकायतें सामने आती हैं। ऐसी शिकायतों का समाधान करने के लिए सिर्फ दो रुपये खर्च करने पड़ेंगे। दो रुपये खर्च कर पता चल जाएगा कि मतदाता फर्जी है या सही।
लोकसभा चुनाव 2024 में फर्जी वोटर पहचानने के लिए चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए गाइडलाइन जारी की हैं। इसमें व्यवस्था की गई है कि किसी भी प्रत्याशी का एजेंट फर्जी वोट का पता लगाने के लिए दो रुपये की रसीद कटवाकर उस वोट को चैलेंज कर सकता है।
पीठासीन अधिकारी वोटर से उसका नाम, पिता का नाम, पता, घर में कितने वोटर हैं आदि कई बिंदुओं के बारे में पूछताछ करेगा। संतुष्टि न होने पर वह सच और झूठ की पहचान करने के लिए क्षेत्र के पार्षद या प्रधान को बुलाकर वोटर के बारे में गवाही लेगा।
यदि वोटर यह साबित कर दे कि वही असली वोटर है तो उसे वोट डालने का मौका मिलेगा और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे फर्जी वोटर मानकर उसके खिलाफ केस दर्ज कराया जा सकता है।
पहले वोट डाल जाए तो टेंडर वोट का लें सहारा
यदि कोई मतदाता बूथ पर अपना वोट डालने पहुंचता है, लेकिन उससे पहले ही कोई उसके नाम से वोट डाल चुका होता है तो वह टेंडर वोट का सहारा ले सकता है। इसके लिए उसे पीठासीन अधिकारी के पास जाना होगा। यदि मतदाता सूची में नाम होगा तो पीठासीन अधिकारी एक प्रपत्र पर मतदान कराते हैं।
इसके बाद उस मतपत्र को लिफाफे में बंद कर देते हैं। मतगणना के समय कम वोट के अंतर से हार-जीत की स्थिति में ऐसे वोट की गणना की जाती है। इसे टेंडर वोट कहते हैं। पीठासीन अधिकारियों को मतदान के वक्त मिलने वाले किट में टेंडर वोट दिए जाते हैं और चुनाव अधिकारियों को मतदान खत्म होने के बाद इसका ब्योरा आयोग को देना होता है। ये वोट बैलेट पेपर से पड़ते हैं।
बोगस मिला तो सौंपेंगे पुलिस को
मतदान के दौरान यदि कोई मतदाता चैलेंज वोट के दौरान पीठासीन अधिकारी की जांच में गलत पाया जाता है और वह साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीठासीन अधिकारी फर्जी मतदाता को वोट नहीं करने देंगे और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उसे पुलिस को सौंप देंगे।