*भोपाल :-* देश में लोकसभा चुनाव में पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में क्या होगा यदि किसी संसदीय सीट पर मतगणना के बाद सबसे ज्यादा वोट नोटा को मिले? इसके लिए निर्वाचन आयोग के नियम क्या कहते हैं, इस खबर में हम आपको बताएंगे. बता दें लोकसभा चुनाव के दौरान कोई वोटर मतदान केन्द्र में प्रवेश करने के बाद पहचान सुनिश्चित होने के बाद अपना मत किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में नहीं देना चाहता, तो उसके लिए ‘कोई नहीं’ या ‘नोटा’ के बटन का विकल्प भी रहेगा. इसको दबाने पर किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मत अंकित नहीं होगा. क्या हैं निर्वाचन आयोग के नियम?निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी मामले में नोटा के मतों की संख्या चुनाव में शामिल अन्य उम्मीदवारों के मतों से अधिक हैं, तो नियम 64 के प्रावधान के अनुसार अन्य उम्मीदवारों के बीच जिस उम्मीदवार को अधिक मत मिले हैं, उसे निर्वाचित घोषित किया जाएगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार निर्वाचन आयोग द्वारा वोटिंग मशीन में नोटा का भी बटन लगाया जाता है. नोटा का बटन चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के बाद सबसे आखिरी में होता है. यदि कोई मतदाता मतदान केन्द्र में प्रवेश करने के बाद उसकी पहचान सुनिश्चित होने के बाद अपना मत किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में नहीं देना चाहता है, तो उसके लिए उपरोक्त में से ‘कोई नहीं’ या ‘नोटा’ के बटन का विकल्प भी रहेगा. इस बटन का उपयोग करने वाले मतदाताओं की गोपनीयता भंग नहीं की जाएगी.कब होगा पहले चरण का मतदान?बता दें बटन पर हिन्दी भाषा में नोटा लिखा और मतगणना के समय भी नोटा में दर्ज मत अलग से प्रदर्शित किए जाएंगे. नोटा विकल्प के सामने डाले गये मतों को जमानत राशि लौटाने के प्रयोजन से चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों को प्राप्त कुल वैध मतों की गणना में भी शामिल नहीं किया जायेगा. बता दें लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश की जबलपुर, मंडला, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीधी और शहडोल संसदीय क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान शुक्रवार 19 अप्रैल को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा.मतदान शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले सुबह साढ़े पांच बजे से मॉकपोल की प्रक्रिया शुरू होगी. यह प्रक्रिया अभ्यर्थी या उसके अधिकृत एजेन्ट की उपस्थिति में होगी. यदि कोई अभ्यर्थी या उसका एजेन्ट सुबह साढ़े पांच बजे मतदान केन्द्र पर उपस्थित नहीं होता है, तो 15 मिनट तक उसका इंतजार किया जाएगा. इसके बाद मतदान दलों और अन्य सदस्यों की उपस्थिति में मॉकपोल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. न्यूनतम 50 वोट से मॉकपोल किए जाने का प्रावधान है, जिसमें नोटा भी शामिल होगा. मॉकपोल की प्रक्रिया शुरू करने से पहले बैलेट यूनिट और वीवीपीएटी को वीवीपीएटी कम्पार्टमेंट में रखा जाएगा. कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी की टेबल या मतदान अधिकारी के टेबल पर रखना होगा.